हिंदी में माइक्रो टीचिंग सीखें | Learn Micro Teaching in Hindi
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सूक्ष्म शिक्षण शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और उनके शिक्षण कौशल को विकसित करने की एक प्रभावी तकनीक है। यह एक ऐसा तरीका है जिसमें शिक्षक कम समय में, कम छात्रों को पढ़ाते हैं और फिर उनके प्रदर्शन का विश्लेषण किया जाता है। इसका उद्देश्य शिक्षकों को उनकी ताकत और कमजोरियों का पता लगाने में मदद करना है, ताकि वे अपने शिक्षण कौशल में सुधार कर सकें।
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सूक्ष्म शिक्षण के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
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- शिक्षकों को अपने शिक्षण का अभ्यास करने और उसका विश्लेषण करने का अवसर प्रदान करता है।
- शिक्षकों को उनके छात्रों के साथ बातचीत करने और उनकी प्रतिक्रियाओं को समझने का अवसर प्रदान करता है।
- शिक्षकों को अपने शिक्षण में सुधार करने और अधिक प्रभावी बनने में मदद करता है।
- शिक्षकों को एक सहायक और सहयोगी वातावरण में सीखने का अवसर प्रदान करता है।
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सूक्ष्म शिक्षण की प्रक्रिया में आम तौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
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योजना बनाना: शिक्षक उस विषय और कौशल को चुनता है जिस पर वह ध्यान केंद्रित करना चाहता है। फिर वे एक छोटा पाठ योजना बनाते हैं, जिसमें उद्देश्य, गतिविधियाँ और मूल्यांकन शामिल होते हैं।
शिक्षण: शिक्षक छोटे समूह के छात्रों को पाठ पढ़ाते हैं। समूह में आम तौर पर वास्तविक छात्रों की बजाय अन्य शिक्षक या सहकर्मी शामिल होते हैं।
प्रतिपुष्टि: शिक्षक के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दी जाती है। यह प्रतिक्रिया एक साथी शिक्षक, पर्यवेक्षक या छात्रों द्वारा दी जा सकती है।
चिंतन: शिक्षक प्रतिक्रिया पर विचार करता है और अपने शिक्षण में सुधार करने के तरीकों के बारे में सोचता है।
पुनरावृत्ति: शिक्षक अपने पाठ को संशोधित करता है और उसे फिर से पढ़ाता है।
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सूक्ष्म शिक्षण शिक्षक प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह शिक्षकों को अपने कौशल को विकसित करने और अधिक प्रभावी शिक्षक बनने में मदद करता है।
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